Saturday, 10 December 2016

This is a Direct Download Befikre 2017 Movie Link

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  Shared by Shivam Raj Sakra

Thursday, 8 December 2016

केवल स्टूडेंट के लिए -:

केवल स्टूडेंट के लिए -: 🚶🏻🚶🏻

अगर प्रशन पेपर मुश्किल लगे,
या समझ में ना आये तो"...

एक गहरी सांस लो"....और जोर से चिल्लाओ,

"कमीनों, फेल ही करना है तो परिक्षा ही क्यों लेते हो।

😂😂😂😜😉.......!!!

एग्जाम के पावन मौके पर अर्ज़ है"...

पढ़ना लिखना त्याग दे नकल से रख आस".....
ओढ़ रजाई सो जा बेटा रब करेगा पास"...

पर्ची वाले बाबा की जय"....

😂😂😂😜😉.......!!!

निगाहें आज भी उस शख्स को शिद्दत से तलाश करतीहैं

जिसने कहा था, "बस दसवी कर लो, आगे पढ़ाई आसान है"।

😂😂😂😜😉.......!!!

बहुत दर्द होता है जब अध्यापिका बोलती है"...
कि तुम्हारा और तुम्हारे आगे वाले का जवाब एक है।

तब दिल से आवाज आती है,

"तो साला सवाल भी तो एक ही था"।

😂😂😂😜😉.......!!!

अगर एक अकेला टीचर सारे विषय (Subject) नहीं पढ़ा सकता तो"..

ऐसी उम्मीद क्यों करते हैं कि एक विद्यार्थी सारे विषय (Subject) पढ़े।

"जागो बच्चों जागो"

😂😂😂😜😉.......!!!

हर युग में ऐसा होता है"...
हर स्टूडेंट इश्क में खोता है"...

पढ़ाई रह जाती है सिर्फ दिखावे की"....

और फिर हाल-ए-दिल"... मार्कशीट पर बयाँ होता है।

😂😂😂😜😉.......!!!

हर तरफ पढ़ाई का साया है"...
हर पेपर में जीरो आया है"...

हम तो यूहीं चले जाते हैं बिना मुंह धोये ही"....

और लोग कहते हैं"....

 'साला रात भर पढ़कर आया है।'

😂😂😂😜😉.......!!!

जब Question पेपर हो आउट ऑफ़ कंट्रोल"....

आंसर शीट को करके फोल्ड"...
एयरोप्लेन बना के बोल"....

भैया "आल इज़ फेल।"

😂😂😂😜😉.......!!!

पढ़ाई सिर्फ दो वजह से होती है"...?

एक शौक से और दूसरा खौफ़ से।

फालतू के शौक हम रखते नहीं".....

और खौफ़ तो हमें किसी के बाप का भी नहीं।

😂😂😂😜😉.......!!!

एक विद्यार्थी की दर्द भरी शायरी"....

स्टूडेंट्स के दर्द को यह स्कूल वाले क्या जाने"....

क्लास के रिवाज़ों से सब माँ-बाप हैं अनजाने"....

होती है कितनी तकलीफ एक पेपर लिखने में"....

ये दर्द वो पेपर चेक करने वाला क्या जाने।

😂😂😂😜😉.......!!!

परीक्षा के बाद बच्चे और ऑपरेशन के बाद डॉक्टर एकही चीज़ कहते हैं,.......

"कुछ कह नहीं सकते, बस दुआ करें"।

😂😂😂😜😉.......!!!

हम जीते एक बार हैंमरते एक बार हैं".....

प्यार भी एक बार करते हैं"...

शादी भी एक बार ही करते हैं"...

तो फिर ये EXAMS बार-बार क्यों?

जागो स्टूडेंट्स (Students) जागो...!!!

😂😂😂😜😉.......!!!
Share karen aur sabhi students tak pahuchaye.😝😝
   Shared by (Shivam Raj)

नाक के बढे हुए मांस का रामबाण इलाज आप भी जाने और लोगों को भी बताएं


 

दोस्तों, हमको बहुत सवाल मिले के आप नाक के अन्दर जो मांस बढ़ जाता है, जिसको Nasal Polyps कहते हैं, उसका कोई रामबाण इलाज बताएं, हम हर संभव कोशिश करते हैं के आप तक जो भी जानकारी पहुंचाए वो बिलकुल रामबाण हो और आपको उस में फायदा ज़रूर हो. हमने ये जानकारी बहुत मुश्किल से इकठ्ठा की है. और आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहें हैं. तो आइये जाने.

नाक के बढे हुए मांस का रामबाण इलाज

Nasal Polyps जिसको आयुर्वेद में नाक का बवासीर कहते हैं. इसमें नाक में मस्सा निकाल जाता है और सांस लेने में बहुत कठिनाई आती है. इस कारण नजला, जुकाम, छींके, नाक से पानी आना, माइग्रेन तक की समस्याएँ आती है. इस के घरेलु इलाज के लिए आपको दो चीजों की आवश्यकता होगी एक तो ताम्बे के जंगार की और दूसरा शहद की

ताम्बे का जंगार बनाने की विधि

ताम्बे के जंगार को इंग्लिश में Verdigris कहते हैं. इसको घर पर बनाने के लिए ताम्बे को कुछ दिन किसी हलके एसिड में रख कर फिर इसके ऊपर से जो जंगार उतरती है उसको बोलते हैं यह आयुर्वेदिक दवा केंद्र पर मिल जायेगा नहीं तो आप ताम्बे की किसी चीज वस्तुतः कोई सिक्का या कोई भी छोटी मोटी वस्तु को एक हफ्ते के लिए सिरके में डालकर बंद कर रख दीजिये, सिरका इतना डाले के ताम्बे की वास्तु पुर्णतः डूबी रहे. एक हफ्ते के बाद सिक्के निकाल लीजिये, अभी इस जंगार को किसी अच्छे कपडे से छानकर निकाल लीजिये यह नीला हरा या लाल रंग का हो सकता है.

यह बनाने की कोशिश तभी करना जब आपको बाज़ार से ये बना बनाया ना मिले. अन्यथा परेशान होने की ज़रूरत नहीं. उपरोक्त विधि सिर्फ आपके मार्ग दर्शन के लिए बताई है. Verdigris आपको online भी available हो सकता है. अभी ये आपको Try करना है

बाज़ार से ताम्बे का जंगार लाकर इसको शहद के साथ अच्छे से घोट लीजिये. इसके लिए आप रसोई में रखी हुयी खरल (जिस से मसाला कूटते हैं) का इस्तेमाल कीजिये. अच्छे से घोट लीजिये. कम से कम 15 मिनट तक घोटिये, दोनों एक जान हो जाने चाहिए. अब इस मिश्रण को किसी खुले मुंह वाली शीशी में डालकर रख दीजिये. सुबह और शाम एक बत्ती को इस मिश्रण में भिगो कर अपने नाक में रखें. बाती आप कॉटन से घर पर बना सकते हैं. लम्बी बाती बनाये जितना वो नाक के अन्दर तक रखी जा सके. हर बार नयी बाती इस्तेमाल करें. कुछ दिन सुबह शाम के उपयोग से Nasal Polyps की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा.

Nasal Polyps में सूत्र नेति भी बहुत कारगार उपाय है. इस में धागे के एक हिस्से को नाक के एक छेद में डालकर मुंह से बाहर निकाला जाता है, फिर दोनों तरफ से घर्षण किया जाता है. जिस से ये धीरे कट जाता है. फिर इसके बाद में जल नेति करवाई जाती है. जल नेति में जल को नाक के एक तरफ डालकर मुंह से निकाला जाता है
   

Narendra modi the real hero..



Wednesday, 7 December 2016

Supporting Jay lalita zee .

HONESTLY IS THE BEST POLICY

काम की तलाश में इधर-उधर धक्के खाने के बाद निराश होकर दीनू घर लौटने लगा। तो पीछे से एक आवाज आई। ऐ भाई! यहाँ कोई मजदूर मिलेगा क्या?' उसने पीछे मुड़कर देखा कि एक बूढ़ा तीन-तीन गठरियाँ उठाए खड़ा है। उसने कहा - हाँ! बोलो क्या काम है? मैं ही मजदूरी कर लूँगा।'

यह तीसरी गठरी जरा भारी है। तुम इसे उठा लो, मैं तुम्हें दो रुपए दूँगा।' दीनू ने कहा - 'ठीक है! चलो आप बूढ़े हैं। इतनी मदद तो मैं यूँ ही कर दूँगा।' इतना कहकर वह गठरी सिर पर रखकर चलने लगा। चलते-चलते दीनू ने बूढ़े से कहा - गठरी काफी भारी है, इसमें है क्या?'
बूढ़े ने धीरे से कहा - इसमें एक-एक रुपए के सिक्के हैं।' चलते-चलते दीनू ने देखा कि बूढ़ा उस पर नजर रखे है। उसने सोचा यह बूढ़ा सोच रहा होगा कि कहीं यह भाग नहीं जाए। पर मैं इतना बेइमान एवं लालची नहीं हूँ। मैं सिक्के के लालच में फँसकर बेइमानी नहीं करूँगा।

कुछ दूरी तय करने पर रास्ते में एक नदी पड़ी। दीनू ने देखा कि बूढ़ा थका हुआ है। उससे यह नदी पार नहीं होगी। उसने बूढ़े से कहा - 'बाबा आप थक चुके हैं। यदि आप ठीक समझें तो इन दो गठरियों में से एक और गठरी मुझे पकड़ा दें। मैं इसका बोझ आसानी से सह लूँगा।'
बूढ़े ने रुककर दीनू से कहा - 'ठीक है! लो पर तुम इसे लेकर कहीं भाग न जाना। इसमें चाँदी के सिक्के हैं।'
दीनू बोला - 'भला मैं क्यों भागूँगा? मैं आपको चोर, बेइमान दिखाई देता हूँ क्या? मैं धन के लालच में किसी को धोखा देने वाला नहीं हूँ।'
दीनू ने दूसरी गठरी उठाई और नदी पार कर ली। चाँदी के सिक्कों का लालच भी उसे डिगा नहीं पाया।

थोड़ी दूर चलने के बाद सामने एक पहाड़ी आ गई। बूढ़े ने फिर कहा - 'ए भाई! मैं तो ठीक से चल भी नहीं पा रहा हूँ।

ऊपर से कमर पर गठरी का बोझ और फिर पहाड़ी की चढ़ाई।'

दीनू बोला - लाइए बाबा यह गठरी भी मुझे दे दीजिए।'
बूढ़े ने कहा - 'कैसे दे दूँ?
इसमें तो सोने के सिक्के हैं। अगर तुम इसे लेकर भाग गए तो मैं बूढ़ा तुम्हारा पीछा भी नहीं कर सकूँगा।'
दीनू बोला - कहा ना, मैं ऐसा आदमी नहीं हूँ। ईमानदारी के चक्कर में ही मुझे मजदूरी करना पड़ रही है। वरना मैं एक सेठ के यहाँ मुनीम की नौकरी करता था। सेठ मुझे हिसाब में गड़बड़ करके लोगों को ठगने के लिए दबाव बनाता था। तब मैंने ऐसा करने से मना किया, तो उसने मुझे नौकरी से निकाल दिया।' तो फिर ठीक है। तीसरी गठरी भी तुम्हीं उठा लो, मैं धीरे-धीरे पहाड़ी चढ़ता हूँ।'

दीनू अब सोने की गठरी भी उठाकर चलने लगा। इस समय उसके दिमाग में आया कि यदि मैं तीनों गठरी लेकर भाग जाऊँ तो यह बूढ़ा मेरी पीछा भी न कर सकेगा और मैं एक झटके में मालामाल हो जाऊँगा। तब मेरी पत्नी भी खुश हो जाएगी। पैसा होगा तो इज्जत ऐशो आराम सभी कुछ मिलेगा। दिमाग में इतना आते ही उसके दिल में लालच आ गया और वह तीनों गठरियों को लेकर भाग खड़ा हुआ।
घर पहुँचकर उसने गठरियों को खोलकर देखा तो वह अपना सिर पीटकर रह गया। क्योंकि गठरियों में सिक्कों की आकृति के मिट्‍टी के ढेले थे।

वह सोच में पड़ गया कि बूढ़े ने ऐसा नाटक क्यों किया? तभी उसकी पत्नी को मिट्‍टी के सिक्कों में एक कागज मिला जिस पर लिखा था - 'यह नाटक इस राज्य के खजाने की सुरक्षा के लिए किया गया था। परीक्षा लेने वाला बूढ़ा कोई और नहीं स्वयं महाराज ही थे। तुम इस तरह नहीं भागते तो तुम्हें मंत्री पद मान-सम्मान सभी कुछ मिलता, कोई बात नहीं। अब दीनू को ईमानदारी की कीमत समझ आ गई थी। 

समय : Time

समय की कीमत : Value of Time

कल्पना कीजिए कि आपके पास एक बैंक अकाउंट है (Bank Account) और हर रोज सुबह उस बैंक अकाउंट में 86,400 रूपये जमा हो जाते है, जिसे आप उपयोग में ले सकते है| आप रूपयों को बैंक अकाउंट (Bank Account) से निकाल कर अपनी तिजोरी में जमा करके नहीं रख सकते| इस बैंक अकाउंट में कैरी फोरवर्ड (Carry Forward) का सिस्टम नहीं है यानि कि जिन रूपयों को आप उपयोग में नहीं ले पाते, वह रूपये शाम को वापस ले लिए जाते है और आपका अब उन पर कोई अधिकार नहीं रहता|

यह बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है| हो सकता है कि कल ही यह बैंक अकाउंट (Bank Account) बंद हो जाए या फिर 2 वर्ष बाद या फिर 50 वर्ष बाद| लेकिन इतना तो निश्चित है कि यह बैंक अकाउंट एक दिन जरूर बंद होगा|





ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे????

जाहिर है आप पूरे के पूरे 86,400 रूपयों का उपयोग कर लेंगे और इन 86,400 रूपयों का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए करेंगे क्योंकि यह बैंक अकाउंट (Bank Account) कभी भी बंद हो सकता है|



समय अनमोल है: Time is Precious

क्या आप जानते है कि ऐसा ही एक बैंक अकाउंट हमारे पास होता है जिसका नाम है “जिंदगी (Life)” और इस “जीवन” रुपी बैंक अकाउंट में प्रतिदिन 86,400 सेकंड्स (Seconds) जमा होते है जिनका उपयोग कैसे करना है यह हम पर निर्भर करता है| हम चाहें तो इन 86,400 सेकंड्स का उपयोग बेहतरीन कार्यों के लिए कर सकते है और अगर ऐसा नहीं करते तो यह व्यर्थ हो जाएंगे| यह जीवन रुपी बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है इसलिए देर मत कीजिए आपके जीवन का हर पल अमूल्य है इसलिए समय का सदुपयोग कीजिए|

अगर किसी को भी ऐसा बैंक अकाउंट दे दिया जाए जिसमें रोज 86,400 रूपये जमा हो तो वह व्यक्ति बहुत खुश हो जाएगा और एक रूपया भी व्यर्थ नहीं गवाएंगा | क्या हमारे जीवन के एक सेकंड की कीमत एक रूपये से भी कम है| हम कैसे अपने जीवन की सबसे अनमोल सम्पति को ऐसे ही व्यर्थ गँवा सकते है|

खोया हुआ धन फिर कमाया जा सकता  है, लेकिन खोया हुआ समय वापस नहीं आता| उसके लिए केवल पश्चाताप ही शेष रह जाता है। हर एक दिन को व्यर्थ गंवाना आत्महत्या करने के समान है| बिना समय प्रबंधन के आज तक कोई भी सफल नहीं हुआ|

कबीर दास जी का यह छोटा सा दोहा, जीवन का सबसे बड़ा मंत्र बता देता है-



काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।



बीते हुए कल को भूल जाइए, उसका आज कोई वजूद नहीं| आज आपका है, आज एक नयी शुरुआत कीजिए|
   
             “जो व्यक्ति अपने समय को नष्ट कर देते है, समय उन्हें नष्ट कर देता है।’’

         

Thought for Great Man

👉 *इस संदेश को पढिये मन प्रसन्न हो जायेगा*👈
👇👇👍👍
 रोज   तारीख   बदलती.  है,
रोज.  दिन.  बदलते.   हैं....
रोज.  अपनी.  उमर.   भी बदलती.  है.....
रोज.  समय.  भी    बदलता. है...
हमारे   नजरिये.  भी.  वक्त.  के साथ.  बदलते.  हैं.....
बस   एक.  ही.  चीज.  है.  जो नहीं.   बदलती...
और  वो  हैं  "हम खुद"....

और  बस   ईसी.  वजह  से  हमें लगता   है.  कि.  अब  "जमाना" बदल   गया.  है........

किसी  शायर  ने  खूब  कहा  है,,

रहने   दे   आसमा.  ज़मीन   कि तलाश.  ना   कर,,
सबकुछ।  यही।  है,  कही  और  तलाश   ना   कर.,

हर  आरज़ू   पूरी  हो,  तो   जीने का।  क्या।  मज़ा,,,
जीने  के  लिए   बस।  एक खूबसूरत   वजह।  कि   तलाश कर,,,

ना  तुम  दूर  जाना  ना  हम  दूर जायेंगे,,
अपने   अपने   हिस्से कि। "दोस्ती"   निभाएंगे,,,

बहुत  अच्छा   लगेगा    ज़िन्दगी का   ये   सफ़र,,,
आप  वहा  से  याद   करना, हम यहाँ   से   मुस्कुराएंगे,,,

क्या   भरोसा   है.  जिंदगी   का ,
इंसान.  बुलबुला.  है   पानी  का ,

जी  रहे  है  कपडे  बदल  बदल कर ,,
*एक  दिन  एक  " कपडे "  में  ले जायेंगे  " कंधे " बदल  बदल  कर*
💖💖💖💖💖
*Beautiful Lines*
👉🏼 एक सच छुपा होता है जब कोई कहता है । **"मजाक था यार"**
👉🏼 एक फीलिंग छुपी होती है जब कोई कहता है **"मुझे कोई फर्क नहीं  पड़ता ।**
👉🏼 एक दर्द छुपा होता है जब कोई कहता है **"Its ok"**
👉🏼 एक जरूरत छुपी होती है जब कोई कहता है **"मुझे अकेला छोड़ दो"**
👉🏼 एक गहरी बात छुपी होती है जब कोई कहता है । **"पता नहीं "**
👉🏼 बातों का समंदर छुपा होता है जब कोई **"खामोश रहता है" **

👌🏼इसीलिए एक ओपन हार्ट सर्जरी की यूनिट के बाहर लिखा था कि...
"अगर दिल खोल लेते अपने यारों के साथ ।
तो आज नहीं खोलना पड़ता औजारों के साथ " ॥                                     👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐

Tuesday, 6 December 2016

**सर्जिकल दोहे*

*सर्जिकल दोहे**सर्जिकल दोहे*

रहिमन कभी ना राखिये, काला धन छुपाए,
जाने कब मोदी बाबा, सर्जिकल कर जाये...

हरे लाल सब नोट को, जोड़त बने अमीर,
एक रात में हो गए, राजा रंक फ़कीर...

नोटन की बोरी भरी, दिया कभी ना टैक्स,
रोते आज दहाड़ कर, कैसे करें रिलैक्स...

ब्लेक मनी की चाह में, भूल गए दिन रात,
एक चाल में मिल गयी, उनको शय और मात...

मेहनत का ही जोड़िये, कहे लक्ष्मीनारायण
समझ गए सो ठीक है,वरना नारायण नारायण ,,,..

😅😅😅😅😅

रहिमन कभी ना राखिये, काला धन छुपाए,
जाने कब मोदी बाबा, सर्जिकल कर जाये...

हरे लाल सब नोट को, जोड़त बने अमीर,
एक रात में हो गए, राजा रंक फ़कीर...

नोटन की बोरी भरी, दिया कभी ना टैक्स,
रोते आज दहाड़ कर, कैसे करें रिलैक्स...

ब्लेक मनी की चाह में, भूल गए दिन रात,
एक चाल में मिल गयी, उनको शय और मात...

मेहनत का ही जोड़िये, कहे लक्ष्मीनारायण
समझ गए सो ठीक है,वरना नारायण नारायण ,,,..

😅😅😅😅😅






Real man through(Shivam)

एक पेड़ का डंठल अचानक टूट कर गिरता है।
 जिसके कारण पेड़ के नीचे सोया हुआ एक बूढ़े व्यक्ति की मौत हो जाती है।

आस-पास के चतुर लोग इस घटना का विश्लेषण करते हुए बूढ़े व्यक्ति के मौत के लिए पेड़ को दोषी ठहरा देते है।
 इस पर दूसरा चतुर आदमी बोलता है की पेड़ का क्या दोष, दोषी तो वो है, जो इस कमजोर मिटटी में पेड़ लगाया था।

अब पेड़ लगाने वाले को बुलाकर उससे बूढ़े का मौत का जिम्मेदार ठहराया जाता है।

पेड़ लगाने वाला भी चतुर था वो बोला- इसमें मेरा क्या दोष, इस पेड़ की डाली में बगुलों का झुण्ड आकर बैठ गया, जिसके वजन से डाली टूट गई और बूढ़े के ऊपर गिर गई।
इसलिए दोषी बगुले है।

दूसरा चतुर आदमी बोला- इन बेजुबान बगुलों का कोई दोष नहीं, ये बगुले पहले स्टेट बैंक के पास वाले पेड़ पर बैठते थे।
 लेकिन
 आज-कल वहाँ लम्बी-लम्बी लाइन लगी है और बहुत शोर होता है,
 जिसके कारण बगुले वहा से यहाँ शिफ्ट हो गए है  । दोषी तो स्टेट बैंक है।

इस पर एक और चतुर आदमी बोलता है- स्टेट बैंक का क्या दोष,
*दोषी तो नरेंद्र मोदी है*,
 जिसने नोट बंदी लगा दिया और उसी के कारण इस बूढ़े की मौत हो गई।

अंत में सभी चतुर लोग एक मत से फैसला करते है की स्टेट बैंक से कोसो दूर एक पेड़ की डाली के नीचे सोये हुए बूढ़े की मौत नरेंद्र मोदी के कारण हुआ है।

विश्वास न हो तो  संसद में सुन लेना..।



             आज एक शादी कार्डधारक को बैंक मैनेजर ये समझाते समझाते परेशान हो गया कि यहाँ ढाई लाख उसी को मिलते हैं जिसके खाते में जमा रहते हैं। वो मानने को तैयार ही नहीं था।😜😜😜
          

Crazy øf Mûzaffârpûr ßøys..

🔫 :- मुजफ्फरपुर  में किसी लड़के के घर कोई मिलने वाला आया!  मुजफ्फरपुर  के लड़के ने संदूक से बंदूक निकाल कर लाया और हवा में 2 फायर कर दिया!
मिलने वाला आदमी भोच्चका सा देखता रह गया!
 डरते डरते बोला भाईसाब ये फायर  क्यों किये!
^
^
मुजफ्फरपुर   के लड़का बोला:-
चाय वाला को 2 चाय बोला है!?
"
@

"
@
 मुजफ्फरपुर  में रहता हु, चंद्रमा की मिट्टी से तिलक करने की जज्बा रखता हु, गीदड़ पालने की शौख नही शेर पालने की रुतबा रखता हु,,

🌟

🌟
:- तिन चीजे  मुजफ्फरपुर  वालो को बहुत प्यारी होती है,,

1). युद्ध

2). इज्ज़त

3). शान

:- तिन चीजे  मुजफ्फरपुर  वालो को मरवाती है,,

1). हद से ज्यादा गुस्सा

2). हथियारों का शोक

3). अंधा प्यार

:- तिन चीजे मुजफ्फरपुर  वालो के पास सबसे ज्यादा होती है,,

1). खून की गरमी

2). हद से ज्यादा जूनून

3). लोगो में दहसत

:- तिन चीजो के लिए मुजफ्फरपुर   वाले सबसे ज्यादा लड़ते है,,

1). पुराना प्यार

2). कालेज की यारी

3). अपना बदला

:- तिन चीजो को  मुजफ्फरपुर  वाले कभी माफ़ नहीं करते,,

1). लड़की छेड़ने वालो को

2). देश से गद्दारी करने वालो को

3). धोखा देने वालो को

:- तिन चीजो से मुजफ्फरपुर  वाले बहुत प्यार करते है,,

1). अपने वतन से

2). अपने माता पिता से

3). अपने संस्कार से

:- वक्त आने दो बंदूख भी उठायेगे,ट्रिगर भी दबाएंगे
और गोली भी चलाएंगे,,
और उस कामिनी चीज पर राज भी करेगे,जिसे लोग कहते है,,,,
👑
👑
👑
👑
👑
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🔰
:- "" दुनिया""

बड़ा अजीब अंदाज है , मुजफ्फरपुर  वालो का तेवर तो तेवर है, शौक़ भी जानलेवा है!""""
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मत डालो इनपे नजर नहीं तो बिखर जाओगे,,
मौत आने से पहले खुद की नजरो में मर जाओगे,
हो  मुजफ्फरपुर  के तो मिसाल बनकर उभरो दुनिया के लिए,
नहीं तो इतिहास के दो पन्नों में सिमट कर रह जाओगे,,,
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शराफत से रह रहे है रहने दो,
जब मन किया तब इस कातिल दुनिया पे राज करने का तो
ना गोली चलेगी ना तलवार नाम देखकर मुजफ्फरपुर  का,,
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ना PM से डरते है ना CM से,
लाशो ला ढेर बिछाना हम भी
जानते है,,लेकिन डरते है, घर की संस्कारो से,,
क्यों की कल को दुनिया यही कहेगी,,
देख लो मुजफ्फरपुर  के  छोरे दादागिरी कर रहे है,,

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ताज की फिकर तो बादशाहो को होती है,,
हम तो मुजफ्फरपुर  के है, मुजफ्फरपुर वाले  अपनी सियासत खुद लेकर चलते है,,
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हमारे सोच में और लोगो की सोच में बस इतना ही फर्क है,,
की वो सरकारी आदमी बनना चाहते है,और हम सरकार.....
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काश इस मुजफ्फरपुर वालो के जाती में आपसी फुट ना होता तो ये मुजफ्फरपुर  वाले शारी दुनिया पे राज करते,,,,
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मुजफ्फरपुर  क्या है,वो  सिर्फ मुजफ्फरपुर  वाले ही जानते है,,
लोग तो उनके बारे में सिर्फ andaja लगा सकते है,,,,
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मुजफ्फरपुर  उस बला का नाम है,
जिसपे खुद पर यकीन आ जाये,,तो यमराज भी ओवर टाइम करते है,,,

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लोग चले थे राजनीती सिखने...
हमने भी कह दिया पहले "निति" पर चलो ""राज""करना
हम  मुजफ्फरपुर  वाले सिखला देंगे...
 :  
 :    🌾🌾 🌾🌾
     🌿🌿 muzaffarpur  🌿
     🌻🌻  muzaffarpur 🌻🌻

अगर muzaffarpur के हो तो सेयर करो..i love my muzaffarpur
muzaffarpur

कभी हार नहीं होती

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

Real life story(shivam Raj)

वह एक गरीब लड़की थी। उसके पिता किसी दुकान पर मजदूरी करते थे और मां घरों में चौका बरतन। वह अपने मां-बाप की इकलौती लड़की थी, इसलिए उन्होंने उसे बड़े लाड प्यार से पाला था। वे चाहते थे कि वह पढ़ लिख कर बड़ी आदमी बने, जिससे उसे गरीबी में दिन न गुजारने पड़ें।

जब उसने गांव के स्कूल से 10वीं का इक्ज़ाम पास किया, तो बहुत खुश हुई। मां-बात ने किसी तरह पैसोें का जुगाड़ करके गांव से 8 किमी0 दूर के कस्बे में उसका इंटर कॉलेज में नाम लिखा दिया। वह साइकिल से स्कूल जाने लगी। इस तरह से उसकी जिंदगी आगे बढ़ने लगी।

लेकिन एक दिन उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया। स्कूल से निकलते वक्त एक लड़का बाइक लेकर उसके पास आया और धीरे से बोला- अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।

लड़की उस लड़के को अक्सर रास्ते में देखा करती थी। जब भी वह स्कूल आती और स्कूल से जाती, वह लड़का सडक के किनारे खड़ा उसे निहारा करता। पहले शुरू में तो उसे यह सब अच्छा नहीं लगा, लेकिन धीरे-धीरे वह भी उसे अच्छा लगने लगा था। इसलिए जब उस लड़के ने कहने की अनुमति मांगी, तो उसने धीरे से सिर हिलाकर अनुमति दे दी।

उस लड़के ने अपनी शर्ट की जेब से एक गुलाब की कली निकाल कर उसके हाथ में रख दी और उसकी मुटठी बंद करते हुए बोला- ''मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। उठते-बैठते, सोते जगते हर समय बस तुम्हारे बारे में सोचा करता हूं। मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है....''
लड़का और भी बहुत कुछ कहना चाहता था, पर लड़की ने धीरे से उसके होठों पर अपना हाथ रख कर उसके प्यार का इकरार कर लिया। इस तरह उन दोनों में बात-चीत की शुरूआत हो गयी। लड़का रोज उसके लिए कोई न कोई गिफ्ट लाता और उसके लिए जीने मरने की कसमें खाता। उसकी बातें सुनकर लड़की दीवानी हो जाती और ख्वाबों की दुनिया में खो जाती।

एक दिन वह लड़का उस लड़की को अपनी बाइक पर घुमाने ले गया। दोनों लोग नदी के किनारे पहुंचें और घास पर बैठ कर बातें करने लगे। लेकिन लड़के की मंशा तो कुछ और थी। लेकिन प्यार में अंधी हो चुकी वह लड़की उसकी मंशा समझ नहीं पाई और उसने अपने आप को लड़के के हवाले कर दिया। दोनों लोग एक दूसरे के प्यार में ऐसे खोए कि दो जिस्म एक जान हो गये।

लेकिन न जाने कहां से वहां पर तीन लड़के आ गये। उन्हें देखकर लड़की हक्का-बक्का रह गयी और अपने कपड़े सही करने लगी। यह देख कर एक लड़का उसका हाथ पकड़ता हुआ बोला- इतनी भी क्या जल्दी है मेरी रानी, हम भी तो तुम्हारे दिवाने हैं। थोड़ा हमारा भी तो मनोरंजन कर दो।

लडकी ने अपने प्रेमी से मदद मांगी। मगर वह यह सब देखकर हंसता रहा। यह देख कर लड़की का हृदय धक्क से रह गया। यानी कि यह सब इसकी चाल थी?

आगे लड़की कुछ सोच ही नहीं पाई। क्योंकि वे तीनों लड़के उसके शरीर पर भूखे भेडिए की तरह टूट पड़े और अपनी हवस की आग बुझाते रहे। वह लड़की मदद के लिए चिल्लाती रही और वे उसे नोचते-घसोटते चले।

लगभग एक घंटे के बाद लड़की को होश आया, तो उसने अपने आपको नंग-धडंग पाया। वे तीनों लड़के और उसका प्रेमी वहां से जा चुके थे। लड़की की आंखों के आगे अंधेरा छा रहा था। उसकी दुनिया अंधेरे से भर चुकी थी। उसे अपना जीवन समाप्त होता हुआ लग रहा था।

वह सोचती रही कि क्यों उसने उस बेवफा लड़के की बातों पर ऐतबार किया। क्यों मैं उसके साथ यहां पर आई। अब मैं क्या मुंह लेकर अपने घर जाऊंगी। अपने मां-बाप को क्या बताऊंगी। मेरा ये हाल देखकर वे तो जीतेजी मर जाएंगे।

लड़की का गला बुरी तरह से सूख रहा था। वह किस तरह घि‍सटती हुई नदी के किनारे पहुंची। नदी का पानी कल-कल करता हुआ तेजी से बह रहा था। लड़की ने एक बार फिर अपने मजबूर मां-बाप, अपने बेवफा प्रेमी के बारे में सोचा और फिर नदी में छलांग लगा दी।

अगले ही पल वह नदी में डूबने उतराने लगी। लेकिन अब न तो वह किसी को अपनी जान बचाने के लिए पुकार रही थी और न ही बचने के लिए संघर्ष कर रही थी। उसका मन ठहरे हुए जल की शांत था। वह भी अपने बेवफा प्रेमी के बारे में सोच रही थी कि क्यों उसने उसकी बातों पर इस तरह से ऐतबार कर लिया, क्यों मैंने उससे अंधा प्यार किया, क्यों मैंने उसके प्यार को जरूरत नहीं समझी? अगर मैं ऐसा कर पाती, तो शायद..... और फिर वह नदी की गहराई में डूबती चली गयी।

दोस्तो किसी से प्यार करना, किसी पर ऐतबार करना बुरा नहीं है, लेकिन जज्बातों को पहचानने की क्षमता भी रखिए। किसी को अपना तन-मन सौंपने से पहले उसके परिणामों के बारे में भी जरूर सोचिए। नहीं तो आप भी धोखा खा सकते हैं, आप भी ठगे जा सकते हैं।

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